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जाने क्या है-सरकार द्वारा संचालित 12वीं के साथ आईटीआई सर्टिफिकेट प्रोग्राम और 12वीं करते समय आईटीआई सर्टिफिकेट कैसे प्राप्त करें? - NETAPS Foundation


10th /SSLC और 12th/PUC के साथ पाएं ITI ट्रेड का प्रमाण पत्र – NETAPS Foundation

छत्तीसगढ़ की तर्ज पर भारत सरकार 12वीं के साथ आईटीआई कराने पर विचार कर रही है। छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल ने कहा कि 10थ और 12थ के साथ-पास छात्रो को आईटीआई का सर्टिफिकेट दिया जायेगा।


अब बच्चे 12थ के बाद डायरेक्ट इंडस्ट्री  में काम करते हुए अपनी आगे की पढाई (जैसे ग्रेजुएशन, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फार्मेसी, एकाउंटिंग, कंप्यूटर, हॉस्पिटैलिटी, टूर्स एंड ट्रेवल्स, रिटेल) करते हुए मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज जैसे फर्म में किस मैनेजर/ इंजीनियर के अंतर्गत काम करेंगे ।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चो को थ्योरेटिकल के साथ प्रैक्टिकल को सिखाना, और इंडस्ट्रियल / टेक्निकल एजुकेशन को बढ़ावा देना है।

छत्तीसग्रह गवर्नमेंट के "10थ/12थ के साथ आईटीआई  योजना" से बच्चो को ना सिर्फ 10थ /12थ और आईटीआई का सर्टिफिकेट बल्कि १८ साल की  उम्र कम्पलीट करते ही उन्हें  NETAPS फाउंडेशन और सेंट्रल गवर्नमेंट के NEEM / NAPS /NATS अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम के अंतर्गत अप्रेंटिसशिप के साथ 10000 से 25000 रूपये प्रतिमाह का वजीफा / स्टाइपेंड दी जाएगी। 

NETAPS फाउंडेशन सरकार की मदद से अब हर एक बच्चे को लगभग फ्री में हायर एजुकेशन (जैसे पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग, फार्मेसी, नर्सिंग, एजुकेशन, मैनेजमेंट, पैरामेडिकल साइंसेज, साइंसेज, रिसर्च) के साथ 10000 से 25000 रूपये प्रतिमाह कमाने का अवसर प्रदान करती है। स्टिपेन्ड मिलने से कैंडिडेट्स को कंपनी  में काम करते हुए सिखने में मन लगता है और साथ ही साथ वो सिर्फ अपना ही नहीं बल्कि अपने परिवार और भाई -बहनो को भी पढ़ाई में सपोर्ट करता है।

नई एजुकेशन पालिसी और AICTE के नए गाइडलाइन्स के अनुसार काम करते हुए इंजीनियरिंग डिग्री लेने के लिए कम से कम १८० क्रेडिट प्राप्त करना जरुरी होगा।

अब caandiates इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट या प्रोफेशनल कोर्स की डिग्री / डिप्लोमा के साथ १  से ५ साल का रियल टाइम एक्सपीरियंस प्राप्त करेंगे और साथ ही साथ हर साल ३० से ४० प्रतिशत का सैलरी वृद्धि प्राप्त करेगा

NETAPS फाउंडेशन के डायरेक्टर ध्रुव दुबे के साथ उच्च शिक्षा में नाम लिखाने वाले स्टूडेंट को कॉलेज या यूनिवर्सिटी की डिग्री लेने के लिए लोन या कर्ज लेने की जरुरत नहीं होगी। अब कोई भी कैंडिडेट अपनी मातृभाषा में आगे की पढाई  करते हुए हर एक साल ३० से ४० प्रतिशत का सैलरी वृद्धि प्राप्त करेगा।

NETAPS फाउंडेशन के डायरेक्टर ध्रुव दुबे ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया की NETAPS फाउंडेशन के साथ किसी भी उच्च शिक्षा में नाम लिखाने वाले हर एक स्टूडेंट को फाउंडेशन द्वारा बिना प्रीमियम के १० लाख रूपये तक का इन्शुरन्स (५-लाख हेल्थ और ५-लाख मेडिकल इन्शुरन्स) दिया जाता है। युवा अपने सपने साकार करने की दिशा में आगे बढ़ सके इसलिए एक प्रयास NETAPS Foundation  ने किया .

आज NETAPS फाउंडेशन अपने २०००+ वेंडर्स, चैनल पार्टनर्स, फ्रैंचाइज़ी पार्टनर्स की मदद से भारत के लगभग हर एक शहर, जिला, तहसील, और विशेष तौर पर अर्ध शहरिय नगरों और गावों के पंचायत भवन में जाकर १८ साल से ३५ साल तक के युवक और युवतियों की फ्री में एजुकेशनल, करियर, और मनोवैज्ञानिक काउन्सलिंग करती है। NETAPS फाउंडेशन  के हर एक काउंसलर एक महीने में कम से कम १५०० से ३००० बच्चो का फ्री में एजुकेशनल काउन्सलिंग करते और जिसमे से है प्रतिमाह २३०० से ३५०० बच्चो की अप्रेंटिसशिप  या सीखो और कमाओ योजना के अंतर्गत बचो को लगभग फ्री में पढ़ाई करवाने के साथ उनको १०००० से २५००० रूपये प्रतिमाह तक का वजीफा / स्टाइपेंड दिलवाती है।

 

NETAPS फाउंडेशन विशेष तौर से ऐसे बच्चो / युवक और युवतियों को सपोर्ट करती है जो-

१. आर्थिक रूप से कमजोर है

२. पढ़ने में कमजोर है

३. इंग्लिश भाषा नहीं बोल पाते या कम्युनिकेशन में प्रॉब्लम है

४. कंप्यूटर का उचित ज्ञान नहीं है

५. सामाजिक रूप से अलग रहते है अर्थात सामाजिक रूप से सोशली डिसकनेक्ट है -जैसे आदिवासी

६. अपने करियर को लेकर डिप्रेस्ड है

७. जिनकी शादी कम उम्र में हो जाने के कारन वो आगे कुछ नहीं कर पा रही होती है

८. महिलाएं जो कम उम्र में विधवा हो गई हो

९. LGBTQI केटेगरी में आते है और वो जो लोग अपने करियर को लेकर पूरी तरह से डिप्रेस्ड है और उनको ये समझ में नहीं आ रहा है की हम अपने करियर की शुरुआत कहा से करें? और

१०. ऐसे लोग जो एग्जाम में फ़ैल हो गए है / बैकलॉग लग गया है और जिनको थ्योरेटिकल सब्जेक्ट पढ़ना पसंद नहीं है।

अर्थात NETAPS फाउंडेशन १८ साल से ऊपर ऐसे  युवक / युवतियो  / LGBTQI कैंडिडेट को सपोर्ट (जैसे लगभग फ्री में प्रैक्टिकल एजुकेशन के साथ स्टाइपेंड + १० लाख का इन्शुरन्स + ओपन बुक एग्जाम +ब्याज मुक्त किस्तों में कॉलेज / यूनिवर्सिटीज की फीस देने की सुविधा + इंडस्ट्री एक्सपर्ट द्वारा ट्रेनिंग  + २ -३ फॉरेन लैंग्वेज ट्रेनिंग + अब्रॉड जॉब और एजुकेशन) जिसके बारे में कोई बात नहीं करता या ऐसे लोग जो किसी कारन बस रह जाते है या छूट जाते है। अधिक जानकारी के लिए कृपया www.netaps.in   को ब्राउज करें।

 

10वीं/12वीं सर्टिफिकेट के साथ आईटीआई ट्रेड के लाभ

आज रोजगार के क्षेत्र में आईटीआई पास युवाओं की बहुत आवश्यकता है। ऐसे विद्यार्थी जो आईटीआई करना चाहते थे उन्हें हायर सेकेंडरी पास करने के बाद एक साल आईटीआई की ट्रेनिंग करना पड़ता है, इससे समय बहुत लगता है लेकिन आज 12वीं पास करते ही छात्र-छात्राओं के पास एक सर्टिफिकेट होगा, जो आपको चयनित ट्रेड का एक्सपर्ट बना देगा। इस डिग्री से आप जॉब भी कर सकते हैं।

NETAPS के डायरेक्टर ध्रुव दुबे ने कहा कि बच्चों के लिए अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा सुलभ उपलब्ध हो सके इसलिए हमने NETAPS Curiotary की शुरुआत की है। आज हम प्देश में 727 Curiotary में साढ़े चार लाख से ज्यादा बच्चे  फॉरेन लैंग्वेज की पढ़ाई / ट्रेनिंग के साथ जॉब कर रहे है।

मुझे यह बताते हुए ख़ुशी होती है कि हमारी सबसे अच्छी योजनाओं में से एक योजना NETAPS Curiotary योजना है। यहाँ इन बच्चे पढ़कर निकलेंगे, और जब विदेश जायेंगे और साथ ही साथ भारत में इन्वेस्टमेन्ट करेंगे तब हम सब गौरवान्वित महसूस करेंगे।

 

इसी प्रकार से 10वीं और 12वीं में पढ़ रहे बच्चों के लिए हमने आईटीआई और पॉलिटेक्निक /डिप्लोमा का कोर्स करवाना शुरू किया, इसका परिणाम है कि आज 12वीं पास होते ही उनके हाथ में दो सर्टिफिकेट है, एक 12वीं का और दूसरा आईटीआई का और साथ ही साथ १५००० से २५००० रूपये प्रतिमाह तक का अप्रेंटिसशिप या जॉब।


मुझे खुशी है कि भारत सरकार जो अभी सोच रही है, उसे करने में हम 15 साल आगे हैं। आज आईटीआई पास बच्चे जितने खुश हैं, उतनी ही खुशी हमारे ट्रेनर के चेहरों में भी दिखाई पड़ रही है, ट्रेनर्स आज तक केवल आईटीआई पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को पढ़ाते थे, लेकिन आज वह नए तरीके से ट्रेनिंग दे रहे हैं।

10th/12th + ITI कोर्स को हमने 2 साल में बांटा है, पहला साल जिसमें अच्छी तरह थ्योरी की पढ़ाई हो सके, तो दूसरा साल प्रैक्टिकल। दोनों अलग-अलग काम है और जरुरी भी।

चुनौतियां

स्कूल के विद्यार्थियों को हायर सेकेंडरी के साथ-साथ आई.टी.आई. ट्रेड कराने में एक बड़ी चुनौती है, जिन स्कूलों के पास आई.टी.आई. ट्रेड हैं वहां कोई दिक्कत नहीं होगी, लेकिन जिन स्कूलों से यह संस्थान दूर हैं उन्हें थोड़ी मुश्किल होती है।

 

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